चंबल नदी के पानी से बुझाई जाएगी अलवर व भरतपुर जिले के 1237 गांवों की प्यास, मुख्यमंत्री ने 5374.15 करोड़ रुपए की परियोजना को दी मंजूरी, राज्य में 7 वृहद जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए 21 हजार 613 करोड़ रुपए स्वीकृत

NCRkhabar@Alwar. राजस्थान सरकार राज्य में अन्तिम व्यक्ति को पेयजल उपलब्ध करवाने एवं जल सुरक्षा से युक्त भविष्य का निर्माण करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gahlot)  ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में 7 वृहद जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए 21 हजार 613 करोड़ रूपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रस्ताव के अनुसार, इन 7 पेयजल परियोजनाओं के द्वारा प्रदेश के 4,63,580 घरों में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन दिए जा सकेंगे। कालीतीर परियोजना के अन्तर्गत 709.41 करोड़ रूपए की लागत से धौलपुर एवं भरतपुर जिलों के 470 गांवों में चम्बल नदी का पानी पहुंचाकर पेयजल कनेक्शन दिए जा सकेंगे। अलवर (Alwar) एवं भरतपुर (Bharatapur) जिलों के 1,237 गांवों को 5374.15 करोड़ रूपए की लागत से वृहद पेयजल परियोजना के तहत चम्बल नदी के पानी के द्वारा पेयजल आपूर्ति की जा सकेगी। इसके अतिरिक्त 3990.08 करोड़ रूपए की लागत से करौली एवं सवाई माधोपुर जिलों के 1,426 गांवों को वृहद पेयजल परियोजना के तहत चम्बल नदी के पानी से पेयजल आपूर्ति की जा सकेगी। जाखम बांध के द्वारा चित्तौडगढ़, प्रतापगढ़, राजसमंद एवं उदयपुर जिलों के 1,473 गांवों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए 3529.90 करोड़ रूपए का प्रावधान भी प्रस्ताव में किया गया है।इसके अलावा, इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल द्वारा फलौदी जिले के लोहावट एवं देंचू के 79 गांवों एवं 325 ढाणियों को पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए 229.73 करोड़ रूपए का प्रावधान प्रस्ताव में किया गया है। सीकर एवं झुन्झुनूं जिलों के इंदिरा गांधी नहर परियोजना से अब तक नहीं जुड़े गांवों को वृहद जल परियोजना द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए 7583.15 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत जायल मातासुख परियोजना में नागौर जिले के 123 गांवों एवं 244 ढाणियों को पेयजल कनेक्शन देने के लिए 196.68 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। इन वृहद जलापूर्ति परियोजनाओं का क्रियान्वयन एवं वित्त पोषण राजस्थान वाटर सप्लाई एवं सीवरेज निगम द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से प्रदेश के वृहद भाग में आमजन को सुगमता से पेयजल उपलब्ध हो पाएगा। इससे भौगोलिक परिस्थितियों एवं अन्य कारणों के कारण पेयजल आपूर्ति की समस्याओं से ग्रसित क्षेत्रों में विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य संबंधी एवं अन्य समस्याओं का स्थायी समाधान हो सकेगा।

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