आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को अपराध की जानकारी करनी होगी सार्वजनिक, समाचार पत्र व टीवी चैनल्स में तीन बार देनी होगी सूचना, 10 नवबंर से 23 नवबंर 2023 तक 3 बार करना होगा प्रकाशन-प्रसारण  

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NCRkhabar@Bhiwadi/Jaipur. भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission Of India) के निर्देशानुसार विधानसभा आम चुनाव 2023 (Assembly Election) के दौरान आपराधिक रिकार्ड वाले उम्मीदवारों और संबंधित राजनैतिक दलों को उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी 3 बार अलग- अलग तय समयावधि में समाचार पत्रों में प्रकाशित तथा टीवी चैनल्स में प्रसारित कराना होगा।

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राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता (Praveen Gupta CEO)  ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में आयोग ने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड (यदि कोई हो तो) के बारे में जानकारी प्रसारित करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये है। सभी राजनैतिक दलों को जिनके द्वारा आपराधिक पूर्वावृत रखने वाले व्यक्तियों को उम्मीदवार बनाया गया है, उन्हें भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित नवीन प्रारूप सी-7 में ऐसे अभ्यर्थी के चयन से 48 घंटे के भीतर यह प्रकाशित करना होगा कि उनके द्वारा आपराधिक पूर्वावृत्त रखने वाले व्यक्ति को ही उम्मीदवार क्यों चुना गया है। उक्त प्रकाशन की सूचना ऐसे राजनैतिक दलों को प्रारूप सी-8 में 72 घंटे के भीतर भारत निर्वाचन आयोग को भी प्रेषित किया जाना आवश्यक होगा। आपराधिक मामलों के प्रचार-प्रसार के लिये उन्हें फॉर्म सी-1 व सी-2 के द्वारा राष्ट्रीय व स्थानीय समाचार पत्रों एवं टीवी चौनल्स में प्रसारित करवाना होगा।

अभ्यर्थी द्वारा भरे गए नामांकन पत्र में यदि स्वयं के संबंध में कोई आपराधिक मामला दर्ज होने की सूचना दी जाती है, तो अभ्यर्थी एवं संबंधित राजनीतिक दल को विहित प्रारूप में सूची के अनुसार जानकारी प्रकाशित व प्रसारित करवानी होगी। आयोग के अनुसार विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों में यदि किसी का आपराधिक रिकॉर्ड है, तो प्रथम प्रचार नामांकन वापसी की अवधि के प्रथम चार दिनों के भीतर, दूसरा प्रचार अगले पांच से 8 दिनों के बीच तथा तीसरा प्रचार 9 वें दिन से प्रचार अभियान के अंतिम दिन तक (मतदान दिवस से दो दिन पूर्व तक) विज्ञापन समाचार पत्रों व टीवी चौनल पर प्रकाशित, प्रसारित करने होंगे।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश में चुनाव के लिए निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अभ्यर्थियों एवं राजनैतिक दलों को सी-1 एवं सी-2 प्रारूप में प्रकाशन की समयावधि इस प्रकार होगी।

  1. प्रथम प्रकाशन दिनांक10-11-2023 से दिनांक 13-11-2023 के बीच
  2. द्वितीय प्रकाशन दिनांक14-11-2023 से दिनांक 17-11-2023 के बीच एवं
  3. तृतीय प्रकाशन दिनाकं18-11-2023 से चुनाव प्रचार की अंतिम तिथि तक (दिनांक 23-11-2023 तक)

ऐसे राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र जिनकी प्रसार संख्या 75 हजार प्रतिदिन हो तथा स्थानीय समाचार पत्र जिसकी प्रतिदिन 25 हजार प्रतियां प्रकाशित होती हो, में उक्त विहित सी-1 एवं सी-2 प्रारूप प्रकाशित करवाने होंगे। इसी प्रकार विभिन्न टीवी चौनल में भी इनका प्रसारण करवाना होगा, जिसकी समयावधि प्रातः 8 से रात्रि 10 बजे के बीच न्यूनतम 7 सैकंड के लिए की जानी आवश्यक होगी। गुप्ता ने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार फॉर्मेट सी-1 उम्मीदवारों के लिये होगा तथा सी-2 राजनीतिक दलों के लिए होगा। निर्धारित प्रपत्र के अनुसार पूरी जानकारी भरकर समाचार पत्रों व न्यूज चौनल पर प्रकाशित-प्रसारित करवाना होगा।

फॉर्मेट सी-1 उम्मीदवार के लिए होगा, जिसमें आपराधिक मामलों संबंधी घोषणा करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना होगा-

  1. उम्मीदवार के विरूद्ध लंबित आपराधिक मामलों से संबंधित विवरण मोटे अक्षरों में होगें,
  2. समाचार पत्रों में सूचना न्यूनतम12 फोंट के आकार में प्रकाशित कराई जाएगी,
  3. प्रत्येक मामले के लिए विवरण अलग-अलग पंक्तियों में अलग-अलग दिया जाना चाहिए,
  4. यदि कोई उम्मीदवार किसी दल विशेष के टिकट पर चुनाव लड़ रहा है,तो उसे अपने विरूद्ध लंबित आपराधिक मामलों के बारे में अपने दल को सूचना देनी अपेक्षित होगी,
  5. जैसे ही आपराधिक मामलों के संबंध में घोषणा प्रकाशित हो जाती है,उम्मीदवार तत्काल इसकी सूचना रिटर्निंग अधिकारी को देंगे। इसके अतिरिक्त, निर्वाचन परिणाम की घोषणा के 30 दिनों के भीतर वे निर्वाचन व्ययों के लेखा सहित फार्मेट  सी-4 में मामलों के संबंध में घोषणा के प्रकाशन के बारे में एक रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।

फॉर्मेट सी-2 के तहत राजनैतिक दलों द्वारा वेबसाइट्स, समाचार चैनलों तथा समाचार पत्रों में दल द्वारा खडे किये गए उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देनी होगी। साथ ही राजनैतिक दल आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों से संबंधित सूचना दल की ऑफिसियल वेबसाइट के होमपेज पर डालने के लिए भी बाध्य होंगे।

 

 

 

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चुनाव विकास के आधार पर लड़ा जाना चाहिए या सांप्रदायिकता पर।
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