Chhath Festival 2023 : नहाय-खाय के साथ कल से होगी छठ महापर्व की शुरुआत, बाजारों में सजी पूजा समाग्री की दुकानें

भिवाड़ी के हरचंदपुर में छठ पूजा सामग्री खरीदते पूर्वांचलवासी।
NCRkhabar@Bhiwadi. भिवाड़ी व आसपास के ईलाके में  लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर पूर्वांचल के लोगों में खासा उत्साह है तथा बाजारों में पूजा सामग्री की दुकानें सज गई है।  भिवाड़ी में हरचन्दपुर, समतल चौक, फूलबाग व सांथलका सहित अन्य स्थानों पर पूजा सामग्री की दूकानें सज गई हैं तथा दिल्ली के आजादपुर सब्जी मंडी से पूजा सामग्री मंगवाई गई है। हरचंदपुर में पूजा सामग्री के विक्रेता सचिन कुमार ने बताया कि इस साल छठ पूजा में काम आने वाली टोकरी 70 रुपए, नारियल 80 रुपए जोड़ा, नींबू 50 रुपए व अनानास 40 रुपए प्रति नग बिक रहा है। सचिन कुमार ने बताया कि अभी खरीदारी कम है लेकिन शनिवार को बाजारों में काफी भीड़ रहेगी। वहीं किराने की दुकान चलाने वाले सतेंद्र यादव ने बताया कि इस साल छठ को लेकर लोगों में खासा उत्साह है तथा लोग यहां परिवार सहित छठ मनाएंगे।
इस महापर्व की शुरुआत शुक्रवार को नहाय खाय के साथ होगी। भिवाड़ी में रहने वाले प्रवासी छठ मनाने के लिए यूपी व बिहार जा रहे हैं। ट्रेनों में सीट नहीं मिलने पर भिवाड़ी से सटे तावडू के खोरी बैरियर से बड़ी संख्या में बसों में भरकर गंतव्य तक जा रहे हैं। छठ पूजा समिति यूआईटी सेक्टर पांच के अध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि लोक आस्था के पर्व की शुरुआत शुक्रवार से होगी। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान करके नए कपड़े पहनकर पूजा करती हैं। छठव्रतियों को नए कपड़े की आवश्यकता होती है। स्नान के बाद ही छठव्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करती हैं।

छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय 

नहाय खाय से छठ पूजा की शुरुआत होती है। इस दिन व्रती नदी या घर में स्नान करते हैं और इसके बाद छठ व्रती प्रसाद बनाना शुरू करते हैं। इस दिन सिर्फ एक ही बार खाना खाया जाता है। नहाय-खाय वाले दिन महिलाएं घर की साफ-सफाई करती हैं और इस दिन हर घर में लौकी या कद्दू की सब्जी बनती है। इस दौरान तैयार किए गए भोजन में सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है।

खरना

नहाय -खाय के बाद छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है। इस दिन छठ व्रती गुड की खीर का प्रसाद बनाती हैं। इस प्रसाद को रात के समय खाया जाता है और बांटा भी जाता है. इसके बाद से ही छठ व्रती का 36 घंटे का व्रत शुरू हो जाता है।

छठ पूजा का पहला अर्घ्य

छठ पूजा का तीसरा दिन काफी खास माना जाता है। इस दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन अर्घ्य के सूप को फल, ठेकुआ और चावल के लड्डू से सजाया जाता है। इसके बाद डूबते हुए सूर्य की पूजा की जाती है और अर्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा का पहला अर्घ्य इस साल रविवार को दिया जाएगा।

उषा अर्घ्य,छठ पूजा का चौथा दिन

छठ पूजा के चौथे दिन व्रती द्वारा उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। सोमवार के दिन उगते हुए सूरज की अर्घ्य दिया जाएगा। फिर पारण करने के बाद छठ पर्व का समापन होगा।

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