Mazharuddeen@NCRkhabar.com. किशनगढ़बास थाना क्षेत्र के ब्रिसिंगपुर के रुंध गिदावड़ा के बीहड़ इलाके में जहां अवैध रूप से गोमांस की मंडी लगती थी। वहां आज भी पुलिस प्रशासन का आना जाना लगा रहा। पुलिस व आरएसी के जवान बीहड़ में सर्च अभियान चलाते दिखाई दिये। पुलिस के खौफ से अपराधी गांव छोड़कर भाग गए हैं, जिनकी सरगर्मी से तलाश की जा एहि है।महिलाओं व बच्चों के सिवा कोई पुरुष दिखाई नहीं दिया। मिर्जापुर व ब्रिसिंगपुर के गांवों में ncrkhabar.com की टीम पहुंची तो अधिकतर घरों के दरवाजे बंद दिखाई दिये तथा दुकानों पर ताले लटके दिखाई दिये। खेतों से लौट रही इन गांवों की कई महिलाएं बाहर से आने वालों को देखकर घरों में चली गईं और काफी कोशिश के बावजूद बात करने को राजी नहीं हुईं। उधर सिवायचक की जमीन पर खड़ी फसलों को पांच ट्रैक्टर लगाकर नष्ट किया जा रहा था। जिला कलक्टर अर्तिका शुक्ला व एसपी अनिल बेनीवाल ने मंगलवार को मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया। जिला कलक्टर ने एडीएम के निर्देशन में सभी विभागों को शामिल करते हुए जांच कर फैक्चुअल रिपोर्ट मांगी है।
गोतस्करों के साथ नप गए अवैध कब्जाधारी
किशनगढ़ के ब्रिसिंगपुर व मिर्जापुर के रूंद गिदावड़ के जंगलों में गोकशी की मंडी चलाने के लिए जो सुविधाएं चाहिए वह जंगल में ही मुहैया करवा दी गई। प्रशासन की नाक के नीचे यह सब खेल होता रहा। वन विभाग की 80 बीघा जमीन पर गोतस्कर खेती करते थे। गोतस्करों ने 12 अवैध ठिकाने बनाए हुए थे। इन ठिकानों में ही बिजली के कनेक्शन दिए गए। खेती के लिए ट्यूबवेल के कनेक्शन दिए गए। ट्रांसफॉर्मर तक की सुविधा गोतस्करों को दी हुई थी। प्रशासन की कार्रवाई में 12 घरों को नष्ट किया गया है। छह अवैध ट्यूबवेल कनेक्शन हटाए गए हैं। यहां तक की दो अवैध ट्रांसफॉर्मरों को भी जब्त किया गया है। बिजली निगम ने अवैध बिजली कनेक्शन लेने वाले मन्नान खान के खिलाफ 87709 रुपये का जुर्माना लगाया है। सवाल यह उठता है कि गोतस्करों ने इतनी सुविधाएं जुटा ली मगर किसी को गोकशी की भनक तक नहीं लगी। वहीं राजस्थान पुलिस तस्करों का पता लगाने और नेटवर्क को खंगालने के लिए हरियाणा पुलिस की भी मदद लेगी।
गोमांस की होम डिलीवरी के बनाए गए थे कच्चे रास्ते
गोमांस की होम डिलीवरी के लिए तस्करों ने अरावली में कच्चे रास्ते बनाए हुए थे। इन रास्तों के जरिये ही गो मांस सप्लाई किया जाता था। पुलिस की दो कंपनियां और 60 जवान सर्च अभियान में जुटे हैं। जंगल इतना वीरान है कि पुलिस कर्मी भी अकेले जाने से यहां डर रहे हैं। इन कच्चों रास्तों के जरिये गोमांस की सप्लाई की जाती थी।गोमांस की कीमत 250 रुपये किलो तक होती है। सिर्फ विश्वास पात्र लोगों को ही गोमांस बेचा जाता था। एक पूरी चेन सिस्टम के तहत काम किया जाता