राजस्थान में बदल गई तीन सरकारें, फिर भी किशनगढ़बास के ब्रिसिंगपुर के रुंध गिदावड़ा में नहीं लगे उद्योग

ब्रिसिंगपुर के रुंध गिदावड़ा में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए लगाया गया दिशासूचक बोर्ड।

NCRkhabar@Bhiwadi. किशनगढ़बास ( Kishangarhbas) उपखंड क्षेत्र के ब्रिसिंगपुर गांव का रुंध गिदावड़ा गत सप्ताह हुई गोकशी की घटना के खुलासे के बाद से देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। गोकशी की घटना के बाद किशनगढ़बास थाने के 38 पुलिकर्मियों को लाईन हाजिर कर दिया गया जबकि एएसआई समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। राज्य सरकार ने भिवाड़ी के एसपी अनिल बेनीवाल (IPS Anil Beniwal) का ज्वाइन करने के दो दिन बाद ही सिरोही एसपी के पद पर तबादला कर दिया है। पुलिस अभी तक मुख्य आरोपी समेत ज्यादातर आरोपियों को पकड़ने में विफल रही है। वहीं कांग्रेस व भाजपा के बीच गोकशी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। ब्रिसिंगपुर के रुंध गिदावड़ा में गोकशी वाले घटनास्थल पर तकरीबन सात साल पहले भाजपा सरकार के शासनकाल मे औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना बनाई गई थी लेकिन अभी तक वहां पर औद्योगिक क्षेत्र के बोर्ड के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। साल 2018 में कांग्रेस सत्ता में आई लेकिन पांच साल तक कुछ भी नहीं हुआ और अब पुनः  भाजपा सत्ता में है लेकिन इसके बावजूद हालात जस का तस बने हुए हैं। अब लोगों को भजनलाल सरकार (Bhajan Lal Govt.) के सत्ता में आने के बाद से उद्योगों की स्थापना की आस लगाए हुए हैं।

 

कागजों में बनता रहा औद्योगिक क्षेत्र

खैरथल तिजारा जिला बनने के बावजूद खैरथल औद्योगिक क्षेत्र और किशनगढ़बास में औद्योगिक क्षेत्र विकसित का जिम्मा अलवर के रीको के अलवर कार्यालय के पास है। रीको अलवर यूनिट हेड परेश सक्सेना ने बताया कि ब्रिसिंगपुर के रुंध गिदावड़ा में औद्योगिक क्षेत्र विकसित नहीं होने का मुख्य कारण भूमि का समतल नहीं होना है। यह बीहड़ इलाका है और राज्य सरकार जब तक इस भूमि की किस्म बदली नहीं गई है और कागजों में ही प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र सिमट कर रह गया गया है। सक्सेना का कहना है कि राज्य सरकार बीहड़ की भूमि का बदलाव औद्योगिक भूमि में कर दे तो वहां पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो सकता है।

 

औद्योगिक क्षेत्र बनने से बदल सकती है आसपास के गांवों की तस्वीर

ब्रिसिंगपुर के रुंध गिदावड़ा में औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने से ना सिर्फ यहां गोकशी सहित अन्य अपराधों पर लगाम लग सकती है बल्कि आसपास के इलाकों का सर्वांगीण विकास हो सकता है।  इसके साथ ही औद्योगिक इकाईयों के स्थापित होने से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और बड़ी संख्या में लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। यहां आधारभूत ढांचा विकसित होने पर जमीनों के भाव भी बढ़ेंगे तथा दिल्ली के नजदीक होने की वजह से ना सिर्फ खैरथल तिजारा बल्कि अलवर व हरियाणा के नूंह मेवात जिले को भी इसका लाभ मिलेगा क्योंकि ब्रिसिंगपुर हरियाणा सीमा के निकट स्थित है। आसपास के ग्रामीण भी चाहते हैं कि यहां पर उद्योगों की स्थापना होनी चाहिए, जिससे क्षेत्र का विकास हो सके।

 

– ब्रिसिंगपुर के रुंध गिदावड़ा में तकरीबन सात साल पहले औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने  का प्रस्ताव बनाया गया था। यहां पर सरकारी भूमि का रूपांतरण परिवर्तित हुए बिना उद्योगों की स्थापना करना मुश्किल है। इसलिए राज्य सरकार रुंध गिदावड़ा की भूमि का रूपांतरण बदले तो औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा सकता है।

– परेश सक्सेना, यूनिट हेड अलवर

 

ब्रिसिंगपुर के रुंध गिदावड़ा में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए लगाया गया दिशासूचक बोर्ड।

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