BMA Election 2023 : अध्यक्ष पद की दावेदारी कर रहे सदस्य का नाम मतदाता सूची से हटाया, उद्यमी के अधिवक्ता ने मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा का लगाया आरोप, चुनाव समिति चेयरमैन व बीएमए सचिव को भेजा लीगल नोटिस

NCRKhabar@Bhiwadi. भिवाड़ी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ( बीएमए) के अध्यक्ष पद के लिए अगले माह वोट डाले जाएंगे। इस बीच नामांकन दाखिल करने से पहले मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बीएमए चुनाव समिति के पास 60 अधिक फर्जी मतदाता होने की शिकायत दर्ज करवाई गई थी लेकिन छानबीन के बाद सिर्फ 14 सदस्यों का नाम मतदाता सूची से हटाया गया है। इनमें एक ऐसे सदस्य का नाम  मतदाता सूची से हटाया गया है, जिनकी फैक्ट्री में उत्पादन हो रहा है और वह अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में खड़े होने वाले थे। अब यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया है और उक्त उद्यमी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से चुनाव अधिकारी पी के धूत व बीएमए सचिव जसबीर सिंह को कानूनी नोटिस भेजा है।

राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता विकास सिंघल ने टेक्नोपैक इंडस्ट्रीज F296 ( I) व जम्बो केमिकल एन्ड एलायड इंडस्ट्रीज F-296(H) औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी की तरफ से चुनाव अधिकारी व बीएमए सचिव को भेजे नोटिस में कहा है कि उनके पक्षकार बीएमए के पंजीकृत सदस्य हैं तथा उन्होंने सदस्यता शुल्क जमा करवाया हुआ है। उनके पक्षकार बीएमए अध्यक्ष (2023-25) के चुनाव में संभावित उम्मीदवार हैं लेकिन उनके मतदान के अधिकार को धोखाधड़ी कर गैर कानूनी तरीके से रदद् कर दिया गया है ताकि आने वाले चुनाव में प्रत्याशी बनने व वोट डालने से रोका जा सके।

अधिवक्ता विकास सिंघल ने नोटिस के जरिए पूछा है कि तीन लोगों ने 50 से अधिक सदस्यों की सदस्यता को लेकर आपत्ति जताई थी। जिन कैटेगरी के मतदाताओं को लेकर आपत्ति जताई गई थी वह इस श्रेणी में आती हैं-

– जिन्हें विनिर्माण इकाई नहीं होने के कारण मतदान करने की अनुभूति नहीं है।

– सहयोगी सदस्य जो सलाहकार व होटल संचालित कर रहे हैं, उन्हें मतदान करने की अनुमति नहीं है।

– जो इकाई उत्पादन में नहीं है या एक साल से कम समय से उत्पादन कर रही है अथवा 11 महीने के लिए किरायानामा बनवाकर सदस्यता ली है, वह प्रोविजनल सदस्य की श्रेणी में आते हैं।

-एसी इकाईयां जो औद्योगिक नहीं बल्कि व्यावसायिक भूखंड पर चल रही हैं।

– तीन महीने से कम अवधि के फर्जी किरायानामा के साथ एवं एक ही प्लॉट पर दो औद्योगिक इकाईयां संचालित हो रही हैं।

अधिवक्ता विकास सिंघल ने नोटिस के जरिए पूछा है कि चुनाव समिति ने उपरोक्त श्रेणी के अधिकांश सदस्यों को बिना सोचे समझे मताधिकार की अनुमति दे दी है जबकि वर्तमान पदाधिकारियों के साथ मिलकर नोटिस संख्या -1 में मेरे पक्षकार की सदस्यता खारिज कर दी है।  जबकि गत 12 अगस्त की आपत्ति पत्र के जवाब में उनके पक्षकार ने निम्न दस्तावेज प्रस्तुत किए थे-

– बीएमए द्वारा किसी भी ववत उत्पादन गतिविधि की जांच करने के उल्लेख के साथ विनिर्माण इकाई का प्रमाण पत्र।

– उद्योग पंजीकरण।

– पिछले एक साल की चार तिमाहियों की जीएसटी रिटर्न के साथ जीएसटी पंजीकरण।

– लाभ और हानि खाता, खरीद, बिक्री, बिजली, माल ढुलाई, बीमा, बैंक ऋण, मरम्मत, रखरखाव व जल शुल्क आदि दर्शाते हुए चार्टर्ड एकाउण्टेंट द्वारा प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत किए। इन सभी तथ्यों को चुनाव अधिकारी व चुनाव कार्यालय द्वारा वर्तमान पदाधिकारियों के प्रभाव में आकर नजरअंदाज कर दिया गया और मेरे पक्षकार को मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया गया।

अधिवक्ता विकास सिंघल ने नोटिस के जरिए कहा है कि पूरी  चुनाव प्रक्रिया शुरू से ही फर्जी, अनुचित व गैर कानूनी तरीक़े से चल रही है, क्योंकि सदस्यों को वार्षिक शुल्क जमा करवाने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया और ना ही कहीं नोटिस चस्पा किया गया अथवा प्रकाशित करवाया गया। बीएमए पदाधिकारियों ने अंतिम तारीख 30 जून 2023 से पहले फोन आदि के माध्यम से अपने पक्ष के सदस्यों से सदस्यता शुल्क जमा करवा लिया गया जबकि बीएमए के 200 से अधिक सदस्य मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सकते, क्योंकि इन सदस्यों को व्हाट्सएप, ई-मेल या पत्र आदि के जरिए सूचित नहीं किया गया।

-अप्रैल 2023 से जून 2023 के मध्य पिछली कार्यकारिणी बैठको में मौजूदा टीम से प्रस्तावक दिखाकर कई फर्जी सदस्य जोड़े गए, जो बीएमए के विधान के मुताबिक मतदान का अधिकार नहीं रखते हैं।

– यह है कि मैसर्स राजवीर कंक्रीट की मताधिकार की पात्रता मतदान के लिए अयोग्य है लेकिन बीएमए सचिव उसी सदस्यता के आधार पर पिछले दो साल से पद पर बने हुए हैं।

अधिवक्ता विकास सिंघल ने नोटिस के जरिए कहा है कि उनके पक्षकार को मतदान करने से नहीं रोका जाए, क्योंकि वह बीएमए के सदस्य हैं तथा उन्होंने सदस्यता शुल्क जमा करवाया हुआ है। इसके साथ ही उन मतदाताओं को मतदान स रोका जाए, जो बीएमए के विधान के अनुसार मतदाता होने का अधिकार नहीं रखते हैं।

 

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