AQI in Bhiwadi@320: औद्योगिक नगरी भिवाड़ी में ज़हरीली हवा में सांस लेना हुआ मुश्किल, गंभीर स्थिति में पहुंचा वायु प्रदूषण, आसमान में छाई स्मॉग की चादर, कागजों तक सीमित रह गए ग्रेप के प्रावधान

NCRkhabar@Bhiwadi. भिवाड़ी सहित दिल्ली एनसीआर की फिजाओं में ज़हर घुल गया है।  पिछले कई दिनों से हवा की स्थिति (Air Quality) खराब है और आसमान में स्मॉग की चादर छाई हुई है, जिससे स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने का असर यहां देखा जा रहा है और आने वाले दो-चार दिन राहत मिलने की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है।  भिवाड़ी में  प्रदूषण नियंत्रण के उपाय फेल हो गए हैं प्रशासन की सख्ती के बावजूद खुले स्थान पर औद्योगिक व घरेलू कचरा जलाया जा रहा है तथा सड़क किनारे कचरा डालकर गंदगी फैलाई जा रही है। भिवाड़ी में गुरुवार की रात 9 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 320 तक पहुंच गया जबकि पीएम 2.5 व 10 क्रमशः 420 व 499 दर्ज किया गया। भिवाड़ी के पड़ोसी कस्बे धारुहेड़ा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 307 दर्ज किया गया जबकि पीएम 2.5 व 10 क्रमशः 378 व 418 रहा।

देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा हनुमानगढ़

राजस्थान का हनुमानगढ़ कस्बा देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा और यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 448 दर्ज किया गया जबकि हरियाणा के हिसार का AQI 430 व जींद का AQI 427 रहा। इसके अलावा फ़तेहाबाद 418,  दिल्ली का AQI 417, रोहतक 407,  फ़रीदबाद का AQI 392, सोनीपत 394,  गुरुग्राम 323, ग्रेटर नोएडा 429, नोएडा 384, गाज़ियाबाद 319, कुरुक्षेत्र 346, करनाल 359, कैथल 379, श्रीगंगानगर 364 सबसे प्रदूषित शहर रहे । दिवाली के दौरान इन शहरों के हालात और ज़्यादा खराब होने की आशंका जताई जा रही है।

रीको औद्योगिक क्षेत्र के बिलाहेड़ी में खाली प्लॉट पर जलता हुआ कचरा।

वायु प्रदूषण से बच्चों व बुजुर्गों को नुकसान

भिवाड़ी में बिना मास्क लगाए बाहर निकलने में घुटन महसूस हो रही है। अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों में सांस व दमा जैसी बीमारियों के मरीज आ रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार प्रदूषण का बढ़ता स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद खराब है तथा बच्चों व बूढ़ों में अस्थमा और फेफड़ों से संबन्धी समस्या आ सकती है क्योंकि पीएम 2.5 के छोटे कण सांस के माध्यम से रेस्पिरेटरी सिस्टम में प्रवेश करके समस्या पैदा करते हैं।

 

AQI से पता चलता है वायु प्रदूषण

Air Quality Index (वायु गुणवत्ता सूचकांक) एक नंबर होता है जिसके जरिए हवा की गुणवत्ता को आंका जाता है। इससे वायु में मौजूद प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक की गणना के आधार पर वायु गुणवत्ता को छह श्रेणियों में विभाजित किया गया है। शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 और 100 संतोषजनक, 101 और 200 मध्यम, 201 और 300 खराब, 301 और 400 बहुत खराब, और 401 और 500 के बीच AQI को गंभीर माना जाता है।

गंदगी से कब मिलेगी निजात : सांथलका औद्योगिक क्षेत्र में सड़क किनारे डाला गया कचरा।

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