राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक : ‘राजस्थान मिशन-2030‘ से प्रशस्त होगा प्रदेश की प्रगति का मार्ग, प्रदेश में सुचारू विद्युत आपूर्ति के लिए संकल्पित राज्य सरकार, एक करोड़ से अधिक लोगों के सुझाव से तैयार होगा राज्य का विजन डॉक्यूमेंट

ncrkhabar.com@Jaipur. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार शाम मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। इसमें ‘राजस्थान मिशन-2030’ एवं प्रदेश में सुचारू विद्युत आपूर्ति को लेकर समीक्षा की गई।

मुख्यमंत्री ने बैठक में मंत्रिपरिषद सदस्यों को अपने-अपने विभागों के ‘विजन-2030 डॉक्यूमेंट‘ को सितम्बर, 2023 तक तैयार कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंत्री अपने विभागों से सम्बन्धित स्टेक होल्डर्स और एक्सपर्ट्स से चर्चा कर विजन-2030 डॉक्यूमेंट के लिए सुझाव लें।

गहलोत ने कहा कि राजस्थान मिशन-2030 के लिए मुहिम चलाकर अर्थशास्त्रियों, लेखकों, पत्रकारों, विद्यार्थियों, सरकारी कर्मचारियों, अधिवक्ताओं, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं, बुद्धिजीवियों, खिलाड़ियों सहित एक करोड़ प्रदेशवासियों से सुझाव लिए जाएंगे। राज्य सरकार इन्हें समाहित कर मिशन 2030 का विजन डॉक्यूमेंट जारी करेगी। इससे प्रदेश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा और राजस्थान वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बन सकेगा।  मिशन को लेकर आयोजना विभाग द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया। इसमें बताया गया कि इस अभियान को समयबद्ध योजना बनाकर आगे बढ़ाया जा रहा है। विजन-2030 डॉक्यूमेंट को समयबद्ध रूप से तैयार कराने के दिशा-निर्देश बताए गए। विभाग द्वारा बताया गया कि विभागों के विजन दस्तावेजों के आधार पर राज्य का विजन दस्तावेज तैयार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के उद्बोधन में विजन-2030 दस्तावेज तैयार किए जाने की घोषणा की गई थी।

प्रदेश में विद्युत आपूर्ति होगी सुनिश्चित

 

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सुचारू विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए ऊर्जा विभाग को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में नियमित विद्युत आपूर्ति के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। बैठक में विभाग द्वारा बताया गया कि सितम्बर, 2023 में अनुमानित मांग प्रतिदिन 3446 लाख यूनिट रहेगी। यह मांग अगस्त माह में बारिश कम होने के कारण बढ़ी है। हालांकि विभाग द्वारा मांग के अनुरूप आपूर्ति की व्यवस्था कर ली गई है। इसमें राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा 5400 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। शेष उपलब्धता अन्य अनुबंधित पावर प्लांट्स द्वारा की जाएगी। इसके उपरांत भी शेष रही कमी की व्यवस्था लघु अवधि निविदा के माध्यम से कर ली गई है। विभाग द्वारा बताया गया कि अक्टूबर से दिसम्बर, 2023 तक की विद्युत आपूर्ति के लिए व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने विभाग को विद्युत कमी की पूर्ति अन्य राज्यों से बैंकिंग के माध्यम से कराने के निर्देश दिए। साथ ही विद्युत उत्पादन के लिए प्रतिदिन आवश्यक 24 रैक कोयले की आपूर्ति के लिए राज्य विद्युत उत्पादन निगम को सर्वोच्च प्राथमिकता पर सख्त निगरानी के निर्देश दिए गए। श्री गहलोत ने आपूर्ति में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर राज्य सरकार और आवश्यकता अनुसार भारत सरकार के कोयला/रेल मंत्रालय को अवगत कराने के निर्देश भी दिए हैं। श्री गहलोत ने विद्युत वितरण निगमों को जले हुए ट्रांसफार्मरों को बदलने की गति और बढ़ाने की भी आवश्यकता बताई।

 

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