कोटा में कोचिंग संस्थानों (Coaching Institute) में पढ़ने वाले बच्चों की बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं के बाद जागी सरकार, मुख्य सचिव ने कहा, बच्चे हमारी धरोहर, उनकी क्षमता से अधिक ना हो पढ़ाई का बोझ, राज्य के कोचिंग सस्थानों के लिए दिशा-निर्देश जारी

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NCRkhabar@Jaipur. राजस्थान के कोटा शहर में मेडिकल व इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए देशभर से आने वाले बच्चों में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार ने आवश्यक कदम उठाना शुरू कर दिया है। मुख्य सचिव उषा शर्मा की अध्यक्षता में गुरुवार को शासन सचिवालय में प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों में अध्यनरत विद्यार्थियों में तनाव कम करने एवं उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करने हेतु दिशा निर्देश 2023 की अनुपालना में एक उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि बच्चों में पढ़ाई के अवांछित तनाव को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि वह हताश और निराश होकर गलत कदम ना उठा लें। बच्चे अपने उम्र के बहुत ही नाजुक दौर में अपने माता-पिता से दूर कोचिंग में पढ़ने आ जाते हैं जहां उन्हें गला काट प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। कोचिंग संस्थानों द्वारा भी अपनी सफलता दर बढ़ाने के लिए बच्चों को इस अंधी दौड़ में धकेल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि बच्चे हमारी धरोहर हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि पढ़ाई के बोझ की वजह से किसी बच्चे की जान ना जाए।  शर्मा ने कहा कि पढ़ने वाले बच्चों में इस तरह की किसी भी अप्रिय घटना को रोकने की जिम्मेदारी कोचिंग संचालकों की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गंभीरता से इस दिशा में प्रयास किया जा रहे हैं। उन्होंने हर 10 दिन में इस संबंध में बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए। मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टर और जिला एसपी को भी जिले के कोचिंग संस्थानों में राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

बैठक में प्रमुख शासन सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा श्री भवानी सिंह देथा ने बताया कि विषय की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए समिति द्वारा संबंधित स्टेकहोल्डर जैसे कोचिंग संचालकों, अभिभावकों, मनोवैज्ञानिक सलाहकारों,शिक्षाविदों आदि से विस्तृत विचार विमर्श कर सुझाव प्राप्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्राप्त सुझावों का गहन अध्ययन एवं विश्लेषण करने के बाद उच्च स्तरीय समिति द्वारा रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोचिंग संस्थानों के विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या के प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gahlot) ने कोचिंग संचालकों के साथ संवाद भी किया था। मुख्यमंत्री के निर्देशों की अनुपालना में समस्या के समाधान के लिए कार्य योजना बनाने के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया गया है।

कोचिंग संस्थानों में नवीं कक्षा से पहले ना दें प्रवेश

 बैठक में कोचिंग संस्थाओं के लिए जारी दिशा निर्देश में मुख्यता से इस बात पर बल दिया गया की नौंवी क्लास से पहले कोचिंग संस्थानों में प्रवेश न दिया जाए। समिति द्वारा विद्यार्थियों में बढ़ते तनाव व मानसिक दबाव के कारणोें की चर्चा भी की गई तथा इससे निजात पाने के उपायों पर भी दिशा—निर्देश जारी किए गए। इसमें असेसमेंट रिजल्ट सार्वजनिक नहीं करने, डेढ़ दिन का साप्ताहिक अवकाश देने, बच्चों और शिक्षकों का अनुपात सही करने, इजी एग्जिट एवं हेल्पलाइन सेवाएं एवं निगरानी व्यवस्था को 24 घंटे सुचारू रूप से चलाये जाने की व्यवस्था के निर्देश दिए गए।  साथ ही रिफंड पॉलिसी को अपनाने पर भी जोर दिया गया। काउंसलिंग एवं ट्रेनिंग संबंधित दिशा निर्देश भी जारी किए गए।
बैठक में शासन सचिव स्कूल शिक्षा नवीन जैन, आयुक्त कॉलेज शिक्षा  सुनील शर्मा और राजस्थान स्वास्थ्य मिशन के निदेशक जितेंद्र कुमार सोनी ने भी अपने विचार व्यक्त किए तथा सुझाव दिए। बैठक में कोचिंग संचालकों द्वारा सभी दिशा निर्देशों की पूरी तरह पालना सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया गया।
 

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