

ncrkhabar@bhiwadi. औद्योगिक नगरी भिवाड़ी में छठ महापर्व के दौरान सोमवार को श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस विशेष पर्व को लेकर सोमवार शाम घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। पारंपरिक वेशभूषा में सजे व्रतियों ने अस्त होते सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। यूआईटी सेक्टर-5, गांधी कुटीर सेक्टर-4, हिलव्यू गार्डन सोसायटी, चौपानकी, टपूकड़ा और खुशखेड़ा जैसे प्रमुख इलाकों में अस्थायी घाट सजाए गए थे, जहां श्रद्धालुओं ने श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना की।

सूर्योपासना के इस पर्व पर उमड़ी आस्था और उल्लास
जैसे ही सूर्य अस्त हुआ, छठ व्रतियों ने पारंपरिक रीति-रिवाज के तहत अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और भगवान भास्कर से अपनी और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान घाटों पर छठ के पारंपरिक गीतों की धुन गूंजती रही, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। महिलाएं सिर पर सूप में ठेकुआ, नारियल, गन्ना और फल लेकर घाटों तक पहुंची। इस अवसर पर व्रति महिलाओं ने विशेष रूप से पारंपरिक गीत गाए और अपने संतान की लंबी उम्र व परिवार की खुशहाली की कामना की।
व्यापारों में रौनक, घरों में सजावट
भिवाड़ी के बाजारों में सोमवार को पूजा सामग्री की खरीदारी के लिए भीड़ लगी रही। सूप, दौरा, गन्ना, फल और ठेकुआ की सामग्री की जबरदस्त बिक्री हुई। वहीं, पूर्वांचल के लोगों ने अपने घरों को रंगीन झालरों और दीपों से सजाया, जिससे पूरा शहर उत्सवमय नजर आया।
हिलव्यू गार्डन सोसायटी में रही छठ महापर्व की रौनक

हिलव्यू गार्डन सोसायटी में इस महापर्व का तीसरा दिन संध्याकालीन अर्घ्य के साथ विधिवत मनाया गया। 40 से अधिक व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर उनके प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था व्यक्त की। छठ के पारंपरिक लोक गीतों की धुन ने समां बांध दिया, और लोगों ने दिवंगत छठ गीतों की प्रसिद्ध गायिका शारदा सिन्हा जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
समारोह के आयोजन में जुटी सोसायटी की टीम
हिलव्यू गार्डन सोसायटी में छठ महापर्व के सफल आयोजन के लिए आरडब्ल्यूए एवं मेंटेनेंस टीम द्वारा घाटों की बेहतरीन साज-सज्जा, सफाई और सजावट की गई। सोसायटी के विभिन्न वर्गों के रहनवासियों ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आरडब्ल्यूए समिति के अध्यक्ष, सचिव तथा अन्य सदस्य भी घाट पर उपस्थित होकर छठी मइया का आशीर्वाद प्राप्त करने पहुंचे। महापर्व का समापन मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ होगा, जिसके बाद व्रति महिलाएं पारण कर ठेकुआ और अन्य प्रसाद का वितरण करेंगी।

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